वॉशिंगटन। सीरिया में हुए केमिकल हमले के बाद अमेरिका ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने सीरीयाई एयरबेस पर 59 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें से हमला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 30 बच्चे और 20 महिलाओं समते लगभग 100 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद कहा, मैंने ही सीरिया के उन एयरबेसों पर हमला करने के लिए कहा जहां से केमिकल अटैक किए गए थे।
अमेरिका ने हमले से पहले रूसी अधिकारियों को इसकी खबर दी थी। सीरिया में कई रूसी फाइटर प्लेन भी हैं। 3 से 4 मिनट चले इस हमले के लिए मिसाइल दो अमेरिकी युद्धपोतों से दागी गईं। हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- सीरिया में महिलाओं, बच्चों और यहां तक कि छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित निर्दोष लोगों पर रासायनिक हमला किया गया। उनकी मौत मानवता के लिए शर्म की बात है। इसके बाद मैंने मिसाइल हमले को मंजूरी दी। इससे पहले, ट्रंप ने सीरिया पर हुए रासायनिक हमले को एक भयंकर हमला बताया। ट्रंप ने हमले के लिए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
ट्रंप ने कहा कि सीरिया के लोगों के खिलाफ किए गए रासायनिक हमले ने 'कई सारी हदें लांघी' हैं। इसने सीरिया और राष्ट्रपति बशर अल असद के बारे में उनकी सोच बदलकर रख दी है। ट्रंप ने बुधवार को संवाददाताओं के एक सवाल में जवाब में कहा, 'अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि इस मुद्दे से सफलतापूर्वक निपटूं।
यह पहली बार है जब अमेरिका ने बशर अल असद के सरकार के सैन्यबलों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की है। खबर के मुताबिक, यह हमला ट्रंप को दिए गए सबसे कम नाटकीय विकल्पों में से एक था। विदेश मंत्री जिम मैटिस ने ट्रंप के सामने कई सैन्य विकल्प रखे थे। मिसाइल हमले का मकसद असद सरकार को संदेश भेजना था कि अगर रासायनिक हथियारों को फिर इस्तेमाल हुआ तो परिणाम भयंकर होंगे। कई रिपब्लिकन सांसदो ने ट्रंप को और कड़ी कार्रवाई करने और सीधे सीरिया की वायुसेना को निशाने पर लेने की वकालत की है।