नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरूवार को राज्यसभा में कहा कि भारत जी 4 समूह के तीन अन्य देशों ब्राजील, जापान और जर्मनी के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल व्यापक सुधार करने संबंधी अपनी प्रतिबद्धता को हमेशा रेखांकित करते हुए स्थायी सदस्यता के लिए कूटनीतिक स्तर पर प्रयास जारी रखे हुए है।
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 21वीं सदी की भू राजनीतिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखने की जरूरत है और भारत सहित जी 4 देश विस्तारित एवं पुनर्गठित सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए उचित दावेदार हैं और वे एक दूसरे की आकांक्षाओं का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि अभी संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया (आईजीएन) के जरिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार पर चर्चा चल रही है जहां भारत दूसरे सुधार समर्थक देशों एवं समूहों के साथ मिलकर चर्चा शुरू करने पर जोर देता रहा है।
उन्होंने कहा कि जी 4 देश विस्तारित सुरक्षा परिषद में वर्तमान एवं नए स्थायी सदस्यों के बीच भेदभावरहित सिद्धांत पर जोर देते रहे हैं और इन देशों ने इस बात पर जोर दिया है कि सिद्धांत के तौर पर सभी नए स्थायी सदस्यों के पास वहीं जिम्मेदारियां, दायित्व और विशेषाधिकार होने चाहिए जो मौजूदा स्थायी सदस्यों के पास हैं।
नए स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार दिए जाने के मुद्दे पर अमेरिका और ब्रिटेन ने 69वें संयुक्त राष्ट्र महासभा की आईजीएन प्रक्रिया के दौरान नए स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार दिए जाने का विरोध किया था। फ्रांस ने इसका समर्थन किया है जबकि रूख और चीन ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है।