नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर चीन की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी का सदस्य बनने के उम्मीदों को समर्थन मिला है। जिससे चीन की चिंता बढ़ गई है। गौरतलब है कि, बौद्ध धर्मगुरू दलार्इ लामा के अरूणाचल दौरे से चीन खुश नहीं है। और वह इसके लिए भारत को बार-बार चेतावनी भी जारी कर चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जर्मनी यात्रा से पहले ही भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी का सदस्य बनने की उम्मीदें बढ़ गई है। जर्मनी के एक वरिष्ठ राजनायिक सूत्र ने बताया कि एनएसजी परामर्श समूह की बैठक जारी है और यहां भारत की सदस्यता के बारे में चर्चा की जा रही है। इसमें जर्मनी ने भारत को अपना समर्थन दिया है।
अमरीका पहले की तरह ही इस बार भी भारत की एनएसजी में सदस्यता के मुद्दे पर अपना समर्थन दे रहा है, जबकि चीन अभी भी इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ खड़ा है। उसका कहना है कि वह एनपीटी पर हस्ताक्षर किए बिना किसी भी देश को एनएसजी की सदस्यता दिए जाने के खिलाफ है। पीएम नरेंद्र मोदी इस साल पहले मई में और फिर जुलाई में G-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी जाएंगे।
इस मुद्दे पर भारत लगातार कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। इसी संबंध में पिछले दिनों भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री मार्कस ऐडरर से मुलाकात भी की थी। इस दौरान दोनों के बीच आपसी संबंधों को आगे ले जाने और मई में बर्लिन में इंटर गवर्नमेंटल कमिशन की बैठक के बारे में अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई थी। जयशंकर इस सप्ताह श्रीलंका में होने वाली बैठक में भी जर्मनी के शीर्ष राजनयिकों से कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।