ह्यूस्टन। कंसास बार में हमले के दौरान भारतीय आलोक मदासानी की जान बचाने वाले अमेरिक इयान ग्रिलट (24) को भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने एक लाख डॉलर यानी करीब 63 लाख रुपए से सम्मानित किया है। इयान कंसास में अपना घर बनाना चाहते थे, जिसके लिए समुदाय ने ये रकम जुटाई। 22 फरवरी को हुई फायरिंग में भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की मौत हो गई थी, जबकि आलोक को इयान ने बचा लिया था। हमले में ग्रिलोट खुद भी जख्मी हो गए थे। इयान के लिए ये रकम जुटाने के अभियान को कॉन्सुल जनरल आॅफ इंडिया अनुपमा रे ने भी सपोर्ट किया। अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना ने ग्रिलट को एक लाख डॉलर का चेक सौंपा।
‘नफरत’ के खिलाफ अमेरिकी-भारतीय एकजुट
अमेरिका में नस्लीय-धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा अपराध की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ अमेरिकी-भारतीय एकजुट हो गए हैं। कई दौर की बैठक करने के बाद भारतीय-अमेरिकियों ने संकल्प जताया कि हम यहीं रहने वाले हैं। साउथ एशियन अमेरिकंस लीडिंग टुगेदर (एसएएएलटी) के सुमन रघुनाथन ने टाउन हॉल चर्चा के दौरान कहा कि बंदूकधारी और राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) क्या कहते हैं, ये अहम नहीं है। यह हमारा देश है, हम यहीं रहने वाले हैं और अप्रवासियों के इस देश में हम अपने उचित और समान स्थान की मांग जारी रखेंगे। एसएएएलटी की पहल पर दक्षिण एशियाई समूह देशभर में इस तरह के टाउन हॉल के आयोजन की योजना बना रहे हैं।
सम्मान पाकर गद्गद् हुए इयान
ग्रिलट ने इस सम्मान पर कहा कि, मेरे पास अब एक बहुत अहम मैसेज है। अगर मैं लोगों को मजबूत करने में मदद कर सकता हूं, उन्हें प्यार बांट सकता हूं, आशाएं जगा सकता हूं, तो मुझे ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? मैं यहां इंडिया हाउस में आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जो कि लंबे अरसे से ह्यूस्टन में कई कम्युनिटीज की फैमिलीज का ध्यान रख रहा है।