रोम। रेप के मामले में इटली की एक कोर्ट के चौंकाने वाले फैसले के सामने आने के बाद, पूरे देश में रोष है। कोर्ट ने रेप आरोपी एक शख्स को इसलिए बरी कर दिया क्योंकि रेप के वक्त पीड़िता मदद के लिए चिल्लाई नहीं थी। कोर्ट के इस फैसले को लेकर महिला अधिकार संगठन के साथ ही अन्य लोग भी विरोध कर रहे हैं।
मामला उत्तरी इटली के ट्यूरिन की एक कोर्ट का है। फैसले में कोर्ट ने कहा कि अस्पताल के बेड पर रेप के वक्त महिला मदद के लिए चीखी क्यों नहीं थी। उसने अपनी आवाज क्यों नहीं बुलंद की थी। इससे ये साबित नहीं हो सकता की उसका रेप किया गया है। पीड़िता के वकील ने कहा कि महिला की चुप्पी उसकी दर्दभरी स्थिति को दर्शाती है।
पर्याप्य नहीं है साक्ष्य
इतालवी संवाद समिति एएनएसए ने कहा कि मंत्री आंद्रे ओर्लांदो ने मंत्रालय निरीक्षकों से इस मामले की जांच करने को कहा है। एएनएसए ने कहा कि तुरिन में एक अदालत ने पिछले महीने फैसला सुनाया था कि कथित रूप से रेप करने वाले अपने सहकर्मी को महिला का ‘बहुत हो चुका’ कहना यह साबित करने के लिए बहुत कमजोर प्रतिक्रिया है कि उसका रेप हुआ था। लिहाजा 46 वर्षीय आरोपी को बरी किया जाता है।
देशभर में निंदा
ट्यूरिन में एक कोर्ट ने पिछले महीने यह फैसला सुनाया था। मगर, अब कोर्ट के इस फैसले का देशभर में विरोध हो रहा है। इटली के न्याय मंत्री आंद्रेया ओरलैंडो ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। अधिकारियों को इस केस को फिर से देखने के निर्देश दिए गए हैं।