बर्लिन। जर्मन सरकार सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने और फर्जी खबर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है। सोशल मीडिया के जिन प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी खबरें, नफरत फैलाने वाला कंटेंट और हिंसा के लिए उकसाने वाली चीजें पाई जाएंगी, उन पर तीन अरब से ज्यादा का आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है।
जर्मन सरकार ने एक नए प्रस्ताव में यह बात कही है। जर्मनी के कानून मंत्रालय के मुताबिक सोशल नेटवर्क्स पर आपराधिक उकसावे और झूठी निंदा के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों ने अपनी ओर से भी इस तरह के कई कदम उठाए हैं, जिनसे चीजें थोड़ी बेहतर तो हुई हैं, लेकिन इस दिशा में और भी कोशिश किए जाने की जरूरत है।
सिर्फ 39 फीसदी आपत्तिजनक सामग्री ही हटाता है फेसबुक
कानून मंत्रालय ने कहा कि अपने यूजर्स द्वारा की गई शिकायतों में से केवल 39 फीसद सामग्रियों को ही फेसबुक हटाता है। इनमें से केवल 33 फीसद चीजें ही ऐसी होती हैं, जो कि 24 घंटे के अंदर हटाई जाती हैं। ट्विटर पर जिन चीजों को लेकर शिकायत की जाती है, उन्हें कंपनी द्वारा हटाए जाने का प्रतिशत बहुत कम है।
100 में से केवल एक रिपोर्टेड मैसेज को ही ट्विटर हटाता है। मंत्रालय ने यूट्यूब की तारीफ करते हुए कहा कि वहां ऐसी आपत्तिजनक सामग्रियों को हटाए जाने में अधिक गंभीरता दिखाई जाती है। यूजर्स जिन चीजों को लेकर रिपोर्ट करते हैं, उनमें से करीब 90 फीसद चीजें हटा दी जाती हैं। 82 फीसद रिपोर्टेड कंटेंट तो 24 घंटे के भीतर ही हटा लिए जाते हैं।
सात दिनों में हटाना होगी आपत्तिजनक सामग्री
कानून मंत्रालय के मुताबिक इस प्रस्ताव के पारित हो जाने की स्थिति में सोशल नेटवर्किंग कंपनियों को अपने यहां जा रहे कंटेंट पर हमेशा नजर रखना होगी। आपत्तिजनक सामग्रियों को सात दिनों के अंदर हटाने का प्रावधान बनाया जाएगा।