वारसॉ। पश्चिम को अक्सर महिलाओं के लिए बेहतर अवसर और माहौल के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन पोलैंड के एक नेता जानुस कोर्विन मिक्की के बयान ने साबित कर दिया है कि औरतों के प्रति रूढ़िवादी सोच रखने के मामले में यूरोप या अमेरिका जैसे विकसित क्षेत्र भी अछूते नहीं है।
हाल तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के आरोप लगते आए हैं, वहीं अब यूरोपीय संसद में पोलेंड के सांसद जानुस कोर्विन मिक्की की टिप्पणी विवादों में आ गई है। जानुस ने एक बयान में कहा, ‘यह 20वीं शताब्दी का एक घिसा-पिटा विचार है कि महिलाएं बौद्धिक रूप से पुरुषों के बराबर होती हैं। इस घिसे-पिटे विचार को जरूर खत्म होना चाहिए क्योंकि यह सही नहीं है।
स्पेन की सदस्य ने किया विरोध
वारसॉ में दिए गए इस बयान से दो दिन पहले ही जानुस ने कहा था कि महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलना चाहिए, क्योंकि वह कमजोर हैं, छोटी हैं और कम मेधावी भी हैं। इस टिप्पणी के बाद गुरुवार को एक जांच बैठ गई, जिसके तहत जानुस को फटकार, अर्थ दंड या अस्थायी निलंबन का सामना करना पड़ सकता है। बयान पर आपत्ति जताते हुए यूरोपीय संसद में स्पेन की सदस्य इरात्से गार्शिया परेज ने कहा, ‘आपके इस विचार के मुताबिक तो मुझे भी यहां संसद में खड़े होने का हक नहीं है।
मैं जानती हूं कि आप जैसे लोगों को बहुत डर लगता है, जब हम महिलाएं यहां इस संसद में बैठकर उसी तरह यूरोपीय लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जैसे कि आप कर रहे हैं।’ परेज ने कहा, ‘मैं यहां यूरोप की सभी महिलाओं का आप जैसे मर्दों से बचाव करने के लिए आई हूं।’ कोर्विन मिक्की पोलैंड की एक छोटी पार्टी का नेतृत्व करते हैं, जिसने 2015 के संसदीय चुनाव में पांच प्रतिशत वोट हासिल किए थे। बहरहाल महिलाओं के प्रति उनके इस रुख की ट्विटर पर उनकी काफी आलोचना की जा रही है।