बीजिंग। चीन अब सीमा विवाद मामले में भारत से लड़ना नहीं चाहता है। इसके लिए चीन दोनों देशों की जमीनों की अदला- बदली करके मामले को सुलझाना चाहता है। चीन के एक राजनयिक दाई बिंगुओ ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत को एक अजीबो-गरीब सलाह दी है।
लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद पर बोलते हुए बिंगुओ ने इशारों में कहा कि विवाद सुलझाने के लिए चीन अरुणाचल प्रदेश में तवांग के बदले अपने कब्जे का एक हिस्सा भारत को दे सकता है। लंबे समय से चीन की नजर तवांग पर है और चीन इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है क्योंकि 15वीं शताब्दी के दलाई लामा ने यहीं पर जन्म लिया था।
ऐसा माना जा रहा है कि बिंगुओ का इशारा तवांग के बदले अक्साई चिन के आदान-प्रदान की तरफ है। 2013 में सेवानिवृत्त होने से पहले दाई बिंगुओ ने एक दशक से भी अधिक समय तक भारत के साथ चीन की विशेष प्रतिनिधि वार्ता का नेतृत्व किया था। हालांकि, तवांग का आदान-प्रदान भारत सरकार के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां पर स्थित तवांग मठ तिब्बत और भारत के बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है।