मियामी। 45 साल बाद फिर से कोई इंसान चंद्रमा पर जाएगा लेकिन इस बार कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं बल्कि आम आदमी चांद की सैर करेंगे। अमेरिका की निजी स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स ने सोमवार को कहा कि अगले साल दो टूरिस्ट को चंद्रमा पर भेजा जाएगा। टूरिस्ट को चंद्रमा पर भेजने का यह पहला मौका होगा। अमेरिका ने 1960 से 1970 के दशक के नासा के अपोलो मिशन के बाद चांद पर कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं भेजा। स्पेसएक्स ने कहा कि दोनों टूरिस्टों ने चांद पर जाने के लिए उन्हें भुगतान कर दिया है।
इस कार्यक्रम से इंसान की अंतरिक्ष यात्रा के अभियान को नई गति मिलेगी। अमेरिका ने 1960 और 70 के दशक में नासा के अपोलो अभियानों के बाद से अपने अंतरिक्ष यात्री चांद पर नहीं भेजे हैं। स्पेसएक्स कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क की ओर से जारी बयान में कहा गया- हम यह घोषणा करने के लिए बेहद उत्साहित हैं कि दो आम नागरिकों को अगले साल के अंत में चांद के पास की यात्रा कराने के लिए स्पेसएक्स से संपर्क किया गया है।
एलन के मुताबिक, वे तेज गति से यात्रा करेंगे तथा सौर मंडल में अधिक दूरी तक सफर करेंगे। हालांकि यात्रियों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं, लेकिन मस्क ने बयान में कहा है, वे पहले ही एक उपयुक्त भुगतान कर चुके हैं। इनके स्वास्थ्य परीक्षण और प्रशिक्षण इस साल के अंत में शुरू होने हैं। बता दें कि अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने 16 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर अपोलो-11 स्पेसक्राफ्ट भेजा था।
इससे एस्ट्रोनॉट नील आर्मस्ट्रॉन्ग, एल्विन एल्ड्रिन और माइकल कॉलिंस को भेजा गया था। 20 जुलाई 1969 को आर्मस्ट्रॉन्ग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने। उनके बाद एल्विन एल्ड्रिन चंद्रमा पर उतरे। इसके बाद 7 दिसंबर 1972 को अपोलो-17 स्पेसक्राफ्ट से यूगीन सरनन, रोनाल्ड इवान्स और हैरिसन स्किमिट चांद पर भेजे गए थे। यूगीन सरनन का इस साल जनवरी में ही निधन हुआ है। वे चांद पर कदम रखने वाले आखिरी शख्स थे।