वॉशिंगटन। अमेरिका में बिना दस्तावेजों के रह रहे करीब 1.1 करोड़ प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना से करीब तीन लाख भारतीय-अमेरिकियों के प्रभावित होने की आशंका है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने संघीय आव्रजन कानूनों को लागू करने के तरीकों में अभूतपूर्व तरीके से विस्तार कर बिना दस्तावेजों वाले लाखों आव्रजकों को उनके देश वापस भेजने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। आंतरिक सुरक्षा विभाग ने कानून लागू करने संबंधी एक मेमो में कहा, विभाग अब प्रभावी क्रियान्वयन से वर्गो या श्रेणियों के एलियनों को छूट नहीं देगा।
उसमें कहा गया है कि विभाग के कर्मचारियों को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने या पकड़ने की पूरी छूट होगी जिनपर उन्हें आव्रजन कानून का उल्लंघन करने का संदेह होगा. आंतरिक सुरक्षा विभाग ने आव्रजन संबंधी दो मेमो जारी किए हैं। यह अन्य कानूनों के साथ-साथ अवैध आव्रजकों को उनके देश वापस भेजने के नियमों को कड़ा बनाता है।
छोटी-मोटी चोरी करने पर भी देश निकाला
नए आदेश में छोटी-मोटी चोरी और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है। वहीं किसी मामले में दोष सिद्ध होने से लेकर आरोपी बनाए जाने और संदिग्ध होने पर भी अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकाला जा सकता था।
पहले से कई गुना सख्त नियम
ओबामा प्रशासन के वक्त सीमा से 160 किलोमीटर के भीतर पाए जाने वाले ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाती थी, जिन्होंने अमेरिका में 14 दिनों से कम वक्त बिताया हो। पर अब दो साल से कम वक्त तक अमेरिका में रह रहे लोगों को निशाना बनाया जा सकता है। वहीं कोई वीजा की सीमा से अधिक वक्त तक रह रहा हो तो उन्हें भी देश छोड़ना होगा। जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। इन कठोर नियमों से सिर्फ बच्चों को छूट दी गई है।