ओटावा। एयर इंडिया के कनिष्क विमान विस्फोट मामले में नया फैसला आया है। कनाडा के पैरोल बोर्ड ने 1985 में हुई इस घटना के मामले के एकमात्र दोषी इंद्रजीत सिंह रेयात को रिहा कर दिया है। इन विमान विस्फोटों में 331 लोग मारे गए थे। करीब दो दशक तक जेल में रहने के बाद रेयात को एक साल पहले छोड़ दिया गया था। इसके बाद उसे एक मकान तक सीमित रहने का आदेश दिया गया था।
पैरोल बोर्ड के प्रवक्ता पैट्रिक स्टोरे ने बताया कि अब दोषी पर लगी ये शर्त हटा ली गई है और रेयात आम जीवन जी सकता है। उन्होंने बताया कि वो चाहे तो किसी निजी आवास में भी रह सकता है। रेयात को उन बमों को बनाने का दोषी पाया गया था, जो दो विमानों में सामान के साथ रखे गए थे।
क्या था मामला
एयर इंडिया की उड़ान संख्या 182-कनिष्क में आयरलैंड के तट के निकट एक धमाका हुआ था जिसमें 329 लोग मारे गए थे। वहीं दूसरा धमाका जापान के नारिता हवाई अड्डे पर हुआ, जहां दो लोग मारे गए थे। ये विस्फोट उस समय हुआ जब एयरपोर्ट कर्मचारी एयर इंडिया के ही दूसरे विमान में सामान रख रहे थे।