वांशिगटन। अमेरिका की एक कोर्ट ने 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों की एंट्री पर बैन संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है हालांकि ये अदालती रोक फिलहाल अस्थाई है।
द अमरीकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) ने ट्रंप के आदेश के ख़िलाफ शनिवार को याचिका दायर की थी। एसीएलयू ने बताया कि ट्रंप के आदेश के बाद पकड़े गए लोगों को कोर्ट ऑर्डर की वजह से निर्वासित नहीं किया जा सकेगा। मानवाधिकार समूह का अनुमान है कि हवाई अड्डों पर और यात्रा के क्रम में 100 से 200 के बीच लोगों को हिरासत में लिया गया है।
फैसले के बाद उत्साही भीड़ ने अदालत के बाहर उनका स्वागत किया। उन्होंने लोगों को बताया, जज ने सरकार जो कर रही है उसे देखा और हम जो चाहते थे हमें वो दिया। हम ट्रंप के आदेश पर और सरकार के ऐसे लोगों को हिरासत में लेने पर रोक चाहते थे जो आए थे और देशभर में इस आदेश से फंस गए थे। अदालत अब फरवरी के अंत में इस मामले में अगली सुनवाई करेगी। शनिवार को ट्रंप ने कहा था कि उनका आदेश मुसलमानों पर प्रतिबंध नहीं हैं।
इस फैसले को भेदभावपूर्ण बताए जा रहा है। इस आदेश को चुनौती देते हुये पहला मुकदमा दायर किया गया है। इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले समूहों में से एक न्यूयॉर्क प्रवासी गठबंधन की ओर से कानूनी कदम उठाने वाले वकील कैमिले मैकलर ने कहा- हम जानते थे कि यह होने वाला है। हम तैयार थे लेकिन हम यह नहीं जानते थे कि यह कब होगा और हम यह नहीं सोच सकते थे कि जब लोग विमान में सफर कर रहे होंगे तो यह आदेश लागू कर दिया जाएगा।