काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में संसद भवन के पास मंगलवार को हुए दो आत्मघाती बम विस्फोटों में कम से कम 33 लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए।
हमला उस वक्त हुआ जब इस इलाके में काफी भीड़ थी और लोग काम खत्म कर संसद परिसर से निकल रहे थे। धमाके के कुछ देर बाद ही तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ले ली।
वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी सलीम रासौली ने कहा कि पहला विस्फोट संसद भवन के निकट दारुल अमन सड़क पर एक मिनी बस पर हुआ। आत्मघाती हमलावर ने बस में घुस कर स्वयं को उड़ा लिया। इसके कुछ ही समय बाद एक कार बम विस्फोट को अंजाम दिया गया।
रासौली ने कहा कि मिनी बस में ज्यादातर संसद के स्टाफ थे। कार बम विस्फोट में वहां तैनात कुछ सुरक्षागार्ड मारे गए। दोनों विस्फोटों में कम से कम 33 लोगों की मौत हुई और 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिनमें कुछ की स्थिति गंभीर है।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने विस्फोट की घटनाओं की कड़ी निंदा की है और कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हों ने कहा, "तालिबान बेशर्मी से मासूम लोगों की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं और मानवता को तार-तार करने वाली कृत्यों पर स्वयं को गौरवांवित महसूस करते हैं। उल्लेखनीय है कि तालिबान पश्चिम समर्थित सरकार और विदेशी सैनिकों को अफगानिस्तान से हटाने के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रहा है।
मोदी ने की हमले की निंदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना में मारे गये लोगों के प्रति शोक जताते हुये ट्वीट किया, काबुल में हुये आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं और हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की मौत पर शोक व्यक्त कर रहा हूं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत हमेशा अफगानिस्तान के साथ है।