नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी चैरिटी संस्था ट्रंप फाउंडेशन के अलावा भारत में चल रही कई परियोजनाओं को भी बंद कर सकते हैं। ट्रंप राष्ट्रपति पद संभालने के बाद हितों के टकराव की संभावना को रोकने के लिए कई देशों में अपने प्रोजेक्ट बंद करने पर विचार कर रहे हैं।
ट्रंप समूह के कारोबार की भारतीय प्रतिनिधि ‘ट्रिबेका’ के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर कल्पेश मेहता के मुताबिक, भारत में ट्रंप के 150 करोड़ डॉलर के पांच नए प्रोजेक्ट चल रहे हैं, बाकी कई प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि शनिवार को ट्रंप ने अपने फाउंडेशन को बंद करने की घोषणा के साथ यह भी स्पष्ट किया था कि वे धर्मार्थ कार्यों के लिए दूसरे रास्तों की तलाश करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह राष्ट्रपति पद संभालने के बाद हितों का टकराव नहीं चाहते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार भारत के अलावा ब्राजील, अर्जेन्टीना, अजरबेजान में भी अधूरी या पूरी. हो चुकी परियोजनाओं से खुद को अलग कर रहे हैं। भारत में ट्रंप समूह का निवेश विदेश में कंपनी के कारोबार में बड़ा हिस्सा है। इसमें पुणे और मुंबई, गोवा और हरियाणा में 16 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं। उत्तर अमेरिका के बाद ट्रंप की रियल इस्टेट के सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट भारत में हैं।
मौज-मस्ती का अड्डा बना यूएनओ
ट्रंप के निशाने पर अब संयुक्त राष्ट्र संघ है। उन्होंने कहा कि यूएनओ मौज-मस्ती का अड्डा बन चुका है। 20 जनवरी को सत्ता संभालने के बाद वो इस संगठन के बारे में गंभीरता से सोचेंगे। दरअसल यूएनओ ने वेस्ट बैंक और पूर्वी येरूसलम में इजरायली रिहाइश के खिलाफ मतदान किया था। यूएन के इस फैसले से ट्रंप भड़क उठे।