बीजिंग। तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालिया मुलाकात पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन ने कहा है कि जब अमेरिका को तक उसके आंतरिक मामलों में दखल देने से पहले दो बार सोचना होता है तो फिर फिर वह क्या चीज है।
अखबार ने लिखा है, कुछ मौकों पर भारत एक बिगड़ैल बच्चे की तरह बर्ताव करता है, दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र का ताज रखने वाले के लिए यह सही नहीं है। भारत के पास एक महान देश बनने की क्षमता है, लेकिन उसका विजन क्लियर नहीं है।
भारत, चीन की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का फायदा उठाकर उसके विकास को बाधित करना चाहता है जिनमें से ज्यादातर का भारत के राष्ट्रीय हितों के साथ कोई लेना-देना नहीं है।
चीन ने इस मामले में मंगोलिया के हालिया उदाहरण दिया है। बता दें कि दलाई लामा की मेहमाननवाजी कर चीनी कोप झेलने के बाद मंगोलिया ने कहा है कि वह तिब्बती धर्म गुरु को दोबारा देश का दौरा करने की इजाजत नहीं देगा।
इसके अलवा अखबार ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ताइवान मुद्दे पर हालिया उदाहरण देते हुए कहा, 'ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच जो हुआ उससे भारत को सीख लेनी चाहिए।
अपने आंतरिक हितों की रक्षा के चीन के संकल्प की परीक्षा लेने के लिए ट्रंप ने जो कदम उठाया और इसके बदले उन्हें जो जवाब मिला, उससे उन्हें समझ आ गया होगा कि चीन की संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता को खंडित नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि दलाई लामा ने हाल ही में राष्ट्रपति मुखर्जी एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की थी।