न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्रसंघ (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को करारा जबाव दिया। 13वीं सदी के मशहूर फारसी कवि रूमी की एक मशहूर पंक्ति का संदर्भ देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, हमें खुद को वह याद दिलाने की जरूरत है जो रूमी ने कहा था। उन्होंने कहा था कि तुम जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। मेरे दोस्त, अगर तुम्हारे अंदर जरा सी भी समझ है, तो शांति के सिवा कुछ और उगाने की कोशिश मत करो।
उन्होंने पाकिस्तान को चेताया कि सीमा-पार आतंकवाद को प्रायोजित करने का नुकसान उसे भी झेलना पड़ेगा और वह जैसी हरकतें करेगा, वैसा ही नतीजा पाएगा। अकबरुद्दीन ने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की कोशिशों को विफल करने के लिए पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के निर्यात पर हमला करते हुए कहा, अगर हमें अफगानिस्तान में स्थायी शांति कायम करनी है, तो वहां हिंसा की वारदातों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों को पड़ोसी पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराना बंद करना होगा।
उन्होंने कहा कि अल-कायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों और इनके सहयोगी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे समूहों पर अनिवार्य रूप से ध्यान देना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि इन्हें छुपने की जगह ना मिले। ये आतंकवादी संगठन अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं और इन्हें अफगानिस्तान के बाहर शरण देने वाले सहयोगी भी मिल जाते हैं।