हवाना। क्यूबा के पूर्व नेता फिदेल कास्त्रों का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। क्यूबा के राष्ट्रीय न्यूज चैनल की ओर से खबर दी गई है। कास्त्रों क्यूबा के 17वें राष्ट्रपति रह चुके थे। साल 2008 में उन्होंने स्वेच्छा से राष्ट्रपति का पद छोड़ दिया था लेकिन वह राजनीति में बराबर सलाहकार की भूमिका में रहे।
90 साल के कास्त्रो काफी वक्त से बीमार चल रहे थे। कास्त्रो 1959 से दिसंबर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री और फिर क्यूबा की राज्य परिषद के अध्यक्ष (राष्ट्रपति) रहे। फिदेल क्रांतिकारी नेता थे।
वे एक अमीर परिवार में पैदा हुए और कानून की डिग्री प्राप्त की1 जबकि हवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और क्यूबा की राजनीति में एक मान्यता प्राप्त व्यक्ति बन गए। उनका राजनीतिक जीवन फुल्गेंकियो बतिस्ता शासन और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्यूबा के राष्ट्रहित में राजनीतिक और कारपोरेट कंपनियों के प्रभाव के आलोचक रहा है।
इंदिरा को बहन मानते थे कास्त्रों
फिदेल कास्त्रो को नेहरू-गांधी परिवार और खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनके भाई-बहन के रिश्ते के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। कास्त्रो इंदिरा गांधी को हमेशा से अपनी बहन मानते थे। इस रिश्ते को उन्होंने 1983 के दिल्ली में हुए गुटनिरपेक्ष समिट के एक लम्हे से यादगार बना दिया था।
4 दिसंबर को होगी अंत्येष्टि
क्यूबा ने अपने दिवंगत क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो के लिए नौ दिनों के सार्वजनिक शोक की शनिवार को घोषणा की। उनकी अस्थियां चार दिसंबर को सेंटियागो दे क्यूबा में दफन की जाएंगी।
राजकीय कार्यकारी के एक बयान में कहा गया है कि 26 नवंबर से चार दिसंबर तक सार्वजनिक गतिविधियां और कार्यक्रम बंद रहेंगे। सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।