टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर गुरूवार रात जापान पहुंचे जहां वह वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के दौरान 12 करार होने हैं।
मोदी के यहां पहुंचने पर जापान के अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता रक्षा सहयोग पर चर्चा कर सकते हैं जिसमें जापान, भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त समुद्री अभ्यास शामिल है। दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर भी बातचीत की संभावना है।
इससे पहले मोदी थोड़ी देर के लिए बैंकॉक भी रुके, जहां उन्होंने थाइलैंड के दिवंगत नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज को श्रद्धांजलि दी। थाइलैंड के नरेश का गत महीने लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
मोदी और आबे द्विपक्षीय सहयोग के सभी आयामों की समीक्षा करेंगे। मोदी शुक्रवार को जापान के सम्राट से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और आबे हाईस्पीड ट्रेन शिनकानसेन से कोबे जाएंगे। दोनों नेता कोबे में कावास्की भारी उद्यम फैक्टरी भी जाएंगे, जहां हाईस्पीड ट्रेन का निर्माण किया जाता है।
प्रधानमंत्री टोक्यो में व्यापार और निवेश के संबंधों को और मजबूत बनाने के रास्ते तलाशने के लिए भारत और जापान के शीर्ष कारोबारी नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगे।
बौखलाया चीन
पीएम मोदी के जापान दौरे से चीन बौखलाया हुआ है। चीनी मीडिया बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत की यात्रा के दौरान जापान के साथ मिलकर चीन को अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले का पालन करने के लिए कहता है तो उसे द्विपक्षीय व्यापार में भारी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।