वॉशिंगटन। भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ अपनाए गए राजनयिक दबाव का असर दिखाई देने लगा है जिसके तहत अमेरिका ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब जरुरत पड़ेगी तो वह उसके खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।
पाक मीडिया की खबरों के अनुसार उरी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ बनाए गए राजनीतिक दबाव के कारण अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया है कि अगर वह अपने यहां संचालित आतंकवादी नेटर्वक को खत्म करने के लिए कदम नहीं उठाता है तो अमेरिका अकेले कार्रवाई से भी नहीं हिचकेगा।
आतंकवाद के वित्तीय पोषण के खिलाफ गठित अमेरिकी ईकाई के कार्यकारी उप मंत्री ऐडम जुबिन ने कहा "समस्या यह है कि पाकिस्तान सरकार के अंदर मौजूद कुछ ताकतें, विशेषकर आईएसआई पाक में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती और कुछ आतंकवादी संगठनों को पनाह देते हैं।
जुबिन ने कहा, अमेरिका पाकिस्तान से वहां संचालित किए जा रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का बराबर आग्रह करता हैं। अमेरिका उसकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार है लेकिन ऐसी कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि हम जहां आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं, जरूरत पड़ी तो इन आतंकियों के खात्मे के लिए पाकिस्तान में अकेले कार्रवाई से भी नहीं हिचकेंगे। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि आतंकरोधी अभियान में पाकिस्तान अमेरिका का महत्वपूर्ण साझीदार है।
उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर पर पाकिस्तानी नागरिक खुद भी आतंकवादी हमलों से पीड़ति हैं। ये दुर्भाग्यपूर्ण हमले अब भी जारी हैं और इस तरह के हिंसक हमलों को पाकिस्तान लगातार झेल रहा है। दूसरी तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि इस क्षेत्र को युद्ध में धकेला जाए।
गौरतलब है कि उरी हमले के बाद भारत ने पाक में आयोजित सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था। उस हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने पाक को ब्रिक्स और बिम्सटेक की बैठक से भी अलग-थलग रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।