ग्वांगझू। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चार दिवसीय चीन दौरे पर मंगलवार को यहां पहुंचे जहां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक समझौते होंगे।
वहीं द्विपक्षीय बैठकों के दौरान एनएसजी में भारत की सदस्यता का बीजिंग द्वारा विरोध करने और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास को रोकने जैसे मुद्दे भी उठेंगे।
राष्ट्रपति के तौर पर पहली बार चीन के दौरे पर आए मुखर्जी ने विभिन्न पदों पर रहने के दौरान कई बार चीन का दौरा किया है जिसमें योजना आयोग के उपाध्यक्ष और रक्षा मंत्री के तौर पर किया गया दौरा शामिल है।
चीन के औद्योगिक शहर ग्वांगझू में मुखर्जी भारत-चीन बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे जिसमें कुछ शीर्ष भारतीय उद्योगपति भी मौजूद रहेंगे।
ग्वांगझू दक्षिण तटीय चीन के गुआंगडोंग प्रांत की राजधानी है, जो देश की जीडीपी में 12 फीसदी योगदान करता है और यहां चीन के कई महत्वपूर्ण उद्योग धंधे हैं।
राष्ट्रपति वृहस्पतिवार को बीजिंग पहुंचेंगे जहां वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के दूसरे शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे जिनमें प्रधानमंत्री ली किकियांग और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्ष झांग देजियांग शामिल हैं।
चीन के नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता और अजहर पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध का मुद्दा प्रमुखता से उठने के आसार हैं।