बीजिंग। अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा गया कि भारत उस मुकाम के नजदीक तक नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
‘ग्लोबल टाइम्स’ में एक आलेख में संसद के जरिए जीएसटी विधेयक लाने में अक्षमता का उल्लेख करते हुए ‘न्यूयार्क टाइम्स’ की रिपोर्ट पर टिप्पणी की गयी है जिसमें कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हालिया अमेरिकी दौरे के दौरान अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के कार्यकारियों से मुलाकात के बाद भारत ने अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्च के तौर पर चीन का स्थान हासिल कर लिया है।
आलेख में कहा गया है, ‘‘भारत के राज्यों ने अपने अलग अलग कर निर्धारित किए हैं और राज्यों के बीच जींसों के प्रवाह में कई भुगतान करने पड़ते हैं। वर्षों से जिंसों और सेवाओं के एकीकरण की बात हो रही लेकिन हर बार संसद में अटक जाता है। मोदी भी इससे नहीं उबर सकते। ऐसी हालत में आगे बढ़ना कठिन है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘समूची अर्थव्यवस्था के स्तर से इंटरनेट के विकास को अलग नहीं किया जा सकता।
भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाली चीजों को छोड़ दें तो भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था तेजी से उन्नत नहीं होगी जब तक कि देश समूची अर्थव्यवस्था को नहीं खोलता और उसे प्रतिस्पर्धी नहीं बनाता। साथ ही प्रभावशाली तरीके से बाजार का एकीकरण हो और प्राथमिक तथा मध्यम स्तर के निर्माण का आधार बने।’’