न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष जॉन ऐश समेत 5 लोगों को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जॉन ऐश पर चीन के एक उद्योगपति और डेव्लेपर एनजी लाप सेंग से 13 लाख डॉलर से भी अधिक की रिश्वत लेकर उन्हें सरकारी कॉन्ट्रैक्ट दिलवाने का आरोप है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में चीन के उद्योगपति एनजी भी शामिल है। मैनहट्टन के अटार्नी प्रीत भरारा ने कहा कि ऐश ने अपने फायदे के लिए (यूएन) का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच शुरू होने के बाद और भी नए खुलासे हो सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा है कि अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि भ्रष्टाचार का कैंसर कई देशों की सरकार में फैल चुका है और यूएन भी इससे अछूता नहीं है। 61 वर्षीय ऐश 68वीं आमसभा के अध्यक्ष थे।
यूएन के पूर्व अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने 2013-15 के बीच चीन से 45 लाख डॉलर अमेरिका लाने का झूठा दावा किया था। इसका मकसद लग्जरी चीजें खरीदना और रियल एस्टेट में पैसा लगाना था।
शिकायत के मुताबिक, एनजी ने बिचौलियों के जरिए ऐश का 5 लाख डॉलर की घूस देकर मकाऊ में यूएन का कॉन्फ्रेंस सेंटर बनवाने संबंधी डॉक्युमेंट्स यूएन महासचिव के सामने पेश करने को कहा था।
ऐश पर लगे आरोपों पर यूएन महासचिव बान की मून के स्पोक्सपर्सन स्टीफेन डूजेरिक ने कहा मून इस घटना से सदमे में हैं और काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि (यूएन) को इस मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई थी।