कराची। पाकिस्तान में बहुचर्चित कांड किशोर अमाल उमर (10 वर्ष) की मौत को लेकर रविवार को प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के कारण विरोधाभास उत्पन्न हो गया है। स्वास्थ्य देखभाल आयोग के अधिकारी द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट में अमाल की मौत के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा केंद्र (एनएमसी) को जिम्मेदार ठहराया गया है। आयोग के अध्यक्ष नरगिस गुल्लू ने हालांकि अमाल की इलाज में लापरवाही बरतने के लिए एनएमसी को कसूरवार नहीं माना है।
अमल के पिता की ओर से सोशल मीडिया पर डाली गयी रिपोर्ट में आयोग के अध्यक्ष ने अमल की मौत के लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया है। अमल के माता-पिता ने उन डरावनी घटनाओं को याद किया जो उसकी मृत्यु का कारण बनीं और लिखा कि 13 नवंबर को हमारे साथ साझा की गई राज्य स्वास्थ्य समन्वय परिषद (एसएचसीसी) की रिपोर्ट में पूरी जाँच के बाद स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एनएमसी को अमल के उपचार में लापरवाही बरतने के लिए दंडित किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 13 अगस्त को कराची के अख्तर कॉलोनी में पुलिस मुठभेड़ के दौरान गोली लगने के कारण 10 वर्षीय अमल उमर की मौत हो गयी थी। अमल को एके-47 राइफल से चलायी गयी गोली लगी थी। पुलिस ने जिस लुटेरे को मारने के लिए गोली चलायी थी, उसने स्वतंत्रा दिवस समारोह में शामिल होने जा रहे अमाल के परिजनों को लूट कर भाग रहा था। अमाल की मौत को लेकर विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन कर उसकी मौत के लिए जिम्मेदारी पुलिसकर्मी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।