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अमेरिका ने करतारपुर गलियारे को खोले जाने का किया स्वागत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 11 2019 2:36AM | Updated Date: Nov 11 2019 2:37AM
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वाशिंगटन। अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारे को खोले जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागुस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘‘ विदेश मंत्रालय भारत और पाकिस्तान के बीच एक नयी सीमा करतारपुर गलियारे को खोले जाने का स्वागत करता है। यह गलियारा धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों पड़ोसी आपसी हितों के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ’’ 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश वर्ष के अवसर पर भारतीय श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए शनिवार को करतारपुर गलियारे की एकीकृत जांच चौकी का उद्घाटन किया। ओर्टागुस ने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओ को शुभकामनाएं भी दीं। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान ने पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए एक समझौते के तहत 4.2 किलोमीटर लंबे इस गलियारे का निर्माण किया है। भारत और पाकिस्तान ने इस गलियारे के संबंध में गत 24 अक्टूबर को हस्ताक्षर किये थे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवम्बर 2018 को गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती को धूमधाम से मनाने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था।

सरकार ने करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक गलियारा बनाया है। इस पर 120 करोड़ रूपये की लागत आयी है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से आगे गलियारे का निर्माण पाकिस्तान की ओर से किया गया है। भारत ने अपनी सीमा में गलियारे पर 15 एकड़ में एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल बनाया है। इस टर्मिनल पर हर रोज 5000 यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। गलियारे से होकर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था है तथा जन सूचना प्रणाली लगाई गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है। दोनों देशों ने जो समझौता किया है उसके तहत  सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं। यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। श्रद्धालुओं के पास केवल वैधानिक पासपोर्ट होना चाहिए। पाकिस्तान ने प्रतियात्री 20 डॉलर यानी करीब 1500 रुपए का शुल्क लगाया है।

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