बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत वैश्विक और सीमा पार चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझीदारी करने का इच्छुक हैं। मोदी ने थाईलैंड के दैनिक ‘बैंकाक पोस्ट’ के साथ एशिया और विश्व में भारत की भूमिका पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, ‘‘हमारा मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ है जिसका अर्थ सभी के सहयोग के साथ सब का विकास और सभी के लिए विश्वास है।’’ उन्होंने कहा कि सब से हमारा अर्थ केवल हमारे नागरिक नहीं, बल्कि पूरी मानवता है। भारत की ऐक्ट ईस्ट नीति एवं रणनीति के लिए दस सदस्यीय आसियान के साथ संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं और आगे भी बने रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सभ्यताओं के करीबी संबंध एक मजबूत आधार बनाते हैं जिन पर हम एक ताकतवर, आधुनिक और बहुआयामी रणनीतिक साझीदारी का निर्माण कर सकते हैं। आसियान को मजबूत बनाना, संपर्क का विस्तार करना और भारत-आसियान आर्थिक एकीकरण को प्रगाढ़ बनाना हमारी ऐक्ट ईस्ट नीति की मुख्य प्राथमिकताएं हैं।’’ उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के निर्माण में भारत की भूमिका पर कहा कि भारत का मानना है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचा खुला, पारदर्शी, समावेशी एवं नियम आधारित तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार रहना चाहिए। क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत नौवहन की आजादी और निर्बाध व्यापार एक स्थायी समुद्री सुरक्षा वातावरण आवश्यक है।