इस्लामाबाद। संयुक्त अरब अमीरात 500 गैर-इकामा धारक पाकिस्तानी नागरिकों के स्वामित्व वाली संपत्तियों का विवरण पाकिस्तान के साथ साझा करने के लिए सहमत हो गया है। इससे पाकिस्तान की कर मशीनरी को बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हो सकेगी। फिलहाल टैक्स विभाग पहले की जानकारी का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में असमर्थ है। दोनों देशों पाकिस्तान और यूएई ने दोहरी कर संधि पर पुन: विचार करने पर भी सहमति व्यक्त की। इससे टैक्सेशन के क्षेत्रों में सहयोग से परेशानियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
यूएई की रेजिडेंस बाय इन्वेस्टमेंट पॉलिसी के तहत इकामा धारक की जानकारी साझा करने का मुद्दा अभी भी लंबित पड़ा है। पाकिस्तान में वित्त पर प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख ने पहले ही इकामा-धारक मुद्दे को हल करने के लिए आर्थिक सहयोग और विकास संगठन की मदद मांगी है। संयुक्त अरब अमीरात के वित्त मंत्रालय और एफबीआर महानिदेशालय के अंतर्राष्ट्रीय कर अधिकारियों के बीच हुई बैठक के दौरान दुबई के अधिकारियों ने गैर-इकामा धारक पाकिस्तानियों की जानकारी देने पर सहमति व्यक्त की। एफबीआर के चेयरमैन शब्बर जैदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दुबई में 9 और 10 अक्टूबर को सूचनाओं के आदान-प्रदान के मामले को लेकर एक बैठक आयोजित की गई, जो काफी अच्छी रही।"