वॉशिंग्टन। इसरो के चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम चांद की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर तय रास्ते से भटक गया और इसरो से इसका संपर्क टूट गया। इसरो ने मिशन चंद्रयान-2 को काफी हद तक सफल बताया है। इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्य के करीब करीब सफल रहा। यह मिशन पूरी तरह से विफल नहीं हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के चंद्रयान-2 मिशन की अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सराहना की है। नासा ने लिखा है, 'अंतरिक्ष कठिन है. हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इसरो के चंद्रयान-2 मिशन को उतारने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपने हमें अपनी यात्रा से प्रेरित किया है।' नासा से पहले पाकिस्तान की पहली एस्ट्रोनॉट नमीरा सलीम भी इसरो के ऐतिहासिक प्रयास की सराहना कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'चंद्रयान-2 मिशन दक्षिण एशिया के लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी छलांग है। यह सिर्फ दक्षिण एशिया के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी ग्लोबल स्पेस इंडस्ट्री के लिए गर्व का विषय है।'
उन्होंने कहा, 'मैं चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद के साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग की ऐतिहासिक कोशिश के लिए इसरो और भारत को बधाई देती हूं।' इस दौरान नमीरा सलीम ने कहा, 'दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि अद्भुत है। यहां यह मायने नहीं रखता है कि इसमें कौन सा देश नेतृत्व कर रहा है। अंतरिक्ष में सभी राजनीतिक सीमाएं खत्म हो जाती हैं। जो हमको धरती में बांटता है, उसको पीछे करके अंतरिक्ष हमको एकजुट करता है।' आपको बता दें कि नमीरा सलीम पाकिस्तान की पहली एस्ट्रोनॉट हैं, जो सर रिचर्ड ब्रैनसन वर्जिन गैलेक्टिक के साथ अंतरिक्ष जाएंगी। सर रिचर्ड ब्रैनसन वर्जिन गैलेक्टिक दुनिया की पहली कॉमर्शियल स्पेसलाइन है। संयुक्त अरब अमीरात की स्पेस एजेंसी ने इसरो को पूरे समर्थन की घोषणा करते हुए कहा कि भारत स्पेस सेक्टर में एक रणनीतिक खिलाड़ी साबित हुआ और हम इसके विकास और उपलब्धियों में भागीदार है।