मालदीव। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पर्यावरण को बचाने के लिए हरित विकास को जरूरी बताते हुए कहा है कि भारत इस दिशा में बुनियादी स्तर पर काम कर रहा है और देश का आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण के साथ गहनता से जुड़ा है। बिरला ने सोमवार को यहां दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण के साथ घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है और इस स्थिति में हरित विकास पर हम सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं।
शिखर सम्मेलन में कोलंबो घोषणा के संबंध में भारत की संसद द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संसद ने नियमित रूप से सतत विकास के लक्ष्यों के मुद्दों को उठाया है तथा सदस्यों ने इससे संबंधित चर्चाओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया है। भारतीय संसद सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी किए जाने के साथ ही सतत विकास लक्ष्यों से उत्पन्न स्थिति पर सहमति बनाने तथा नीति निर्माण की प्रक्रिया में मार्ग दर्शन करने में मुख्य भूमिका निभा रही है। दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन आज ‘माले घोषणा’ को स्वीकार किया गया।
घोषणा में समान पारिश्रमिक सहित कार्य स्थल पर समानता को बढ़ावा देने तथा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया है। इसके साथ ही शिखर सम्मेलन में एशिया प्रशांत क्षेत्र में मातृ, शिशु और किशोरावस्था के प्रोत्साहन के लिए पोषण और खाद्य सुरक्षा को प्रेरक के रूप में स्वीकार किया गया। बिरला ने इस दौरान भूटान असेंबली के अध्यक्ष महामहिम वांगचुक नामग्याल और उनके शिष्टमंडल के सदस्य के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता की। चर्चा से पहले, भारत और भूटान के शिष्टमंडल के सदस्यों ने खड़े होकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और मती सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय शिष्टमंडल ने बंगलादेश, अफगानिस्तान और लंका से आए संसदीय शिष्टमंडल के साथ द्विपक्षीय हितों को लेकर भी चर्चा की ।