सियोल। उत्तर कोरिया की सत्ता पर किम जोंग उन की पकड़ मजबूत करने के लिए देश के संविधान में कई बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों से उन्हें अब राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा मिल गया है। विश्लेषकों का कहना कि संविधान संशोधन के जरिए किम के अधिकारों को बढ़ाया गया है। किम को साल 2011 के आखिर में उस समय विरासत में सत्ता मिली थी, जब उनके पिता किम जोंग द्वितीय का निधन हो गया था।
उस समय किम की उम्र 30 साल से भी कम थी। वह सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के साथ ही स्टेट अफेयर्स कमीशन के भी चेयरमैन हैं। एसएसी सरकार की सर्वोच्च संस्था है। उत्तर कोरिया की नाममात्र की संसद सुप्रीम पीपुल्स असेंबली ने गुरुवार को संविधान में कई बदलावों पर मुहर लगाई। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ङउठअ के अनुसार, संसद के प्रमुख चो योंग हे ने कहा, नए अनुच्छेद से एसएसी के चेयरमैन किम को पार्टी, देश और सशस्त्र बलों का सर्वोच्च नेता घोषित किया जाता है।