कुआलालंपुर। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने गुरुवार को कहा कि यदि अमेरिका तेहरान के साथ वार्ता करना चाहता है तो उसे आवश्यक रूप से ऐतिहासिक परमाणु समझौते का पालन करना होगा और उसके खिलाफ आर्थिक आतंकवाद को रोकना होगा। पिछले साल से ईरान और अमेरिका के बीच तीखी तकरार चल रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 के इस समझौते से वॉशिंगटन को एकपक्षीय तरीके से बाहर कर लिया था। उल्लेखनीय है कि इस समझौते के तहत ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोक के एवज में प्रतिबंधों से राहत दी गई थी।
ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से कुछ हफ्तों में मिलने को तैयार हैं। फ्रांस के तटीय शहर बियारित्ज में जी 7 शिखर सम्मेलन के दौरान यह घोषणा की गई थी। जावद जरीफ भी फ्रांस गए थे और उन्होंने जी 7 शिखर सम्मेलन से इतर बैठकें की थी। हालांकि, रूहानी ने कहा है कि अमेरिका को पहले प्रतिबंधों को हटाने की जरूरत है। विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जरीफ ने भी इस संदेश को दोहराया है। जरीफ ने मलेशिया की अपनी यात्रा पर कहा, अमेरिका ईरानी अवाम के खिलाफ आर्थिक युद्ध कर रहा है और हमारे लिए वॉशिंगटन से बात करना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक कि वे ईरानियों पर युद्ध थोपना बंद नहीं करते।