बीजिंग। भारत और चीन विश्व व्यापार संगठन में अपने 'विकासशील देश' का दर्जा और वैधानिक हितों को बचाने के लिए सहमत हुए है। पिछले महीने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डबल्यूटीओ पर विकासशील देशों को नामित करने की प्रक्रिया में बदलाव करने के लिए दबाव डाला था। अमेरिका का कहना है कि चीन और भारत जैसे देश गलत तरीके से इस दर्जे का लाभ उठा रहे है और अमेरिका इस पक्ष में हैं कि दोनों देश विकासशील देश के दर्जे को छोड़ दे।
संवाद समिति शिन्हुआ ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बीजिंग में सोमवार को हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि वे विकासशील देश के दर्जे तथा अपने जायज़ अधिकार को डबल्यूटीओ में बचाएंगे। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री तीन दिन के चीन दौरे पर है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार जयशंकर ने इस दौरान चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे के मामले को उठाया और कहा कि यह चिंता का विषय है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि चीन को अपने घरेलू बाज़ार में भारत के फार्मा उद्योग और आईटी उत्पादों के प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए।