तेहरान। ईरान ने उम्मीद जतायी है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के भारत सरकार के निर्णय से उत्पन्न स्थिति का भारत और पाकिस्तान शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समाधान निकाल लेंगे। स्थानीय मीडिया ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि ईरान को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान एक अच्छे दोस्त और क्षेत्रीय साझीदार होने के नाते बातचीत और शांतिपूर्ण ढंग से क्षेत्र के लोगों के हितों में प्रभावी कदम उठाएंगे। मंत्रालय ने कहा,‘‘ ईरान जम्मू और कश्मीर की स्थिति के घटनाक्रम पर नजर बनाये हुये है।’’
उल्लेखनीय है कि भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के सांविधिक संकल्प और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से संबंधित ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019’ को मंगलवार को मंजूरी दे दी। लोकसभा ने सांविधिक संकल्प को मत विभाजन के जरिये 72 के मुकाबले 351 मतों से मंजूरी दी जबकि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के समर्थन में 370 और विरोध में 70 मत पड़े। राज्यसभा ने सोमवार को ही संकल्प और विधेयक को पारित कर दिया था। अनुच्छेद 370 से संबंधित संकल्प में प्रावधान है कि इसके खंड एक को छोड़कर अन्य प्रावधान अब समाप्त हो जायेंगे।
पुनर्गठन विधेयक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर की अपनी विधानसभा होगी जबकि लद्दाख में विधानसभा का प्रावधान नहीं किया गया है। संकल्प और विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो जायेगा और राज्य का अलग संविधान निष्प्रभावी हो जायेगा तथा अलग ध्वज नहीं रहेगा। केंद्र द्वारा अब तक बनाये गये और भविष्य में बनाये जाने वाले सभी कानून भी अपने-आप वहां लागू हो जायेंगे। भारत के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उन्होंने इसके लिये संयुक्त राष्ट्र में चर्चा कराने का निर्णय लिया है।