लंदन। पाकिस्तानी बाल अधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने विश्व के नेताआें से गोली की बजाय किताबों को तवज्जो देने तथा लड़कियों को 12 साल की मुफ्त शिक्षा देने की अपील की। मलाला ने टेलीग्राफ में अपने आलेख में कहा है ‘‘मैं चाहती हूं कि विश्व के नेता गोलियों की बजाय किताबों को तवज्जो दें। बेशक, मैं दुनिया को आशा के साथ देखती हूं।
हम प्रत्येक लड़की को 12 साल की मुफ्त शिक्षा देने का खर्च उठा सकते हैं।’’ इस महीने 18 बरस की हो रही मलाला ने लिखा है, ‘‘यह बिल्कुल हमारे वश में है और जब हम करेंगे हम संभावनाओं से भरी समूची एक नयी दुनिया महसूस करेंगे। विश्व ने 2000 में सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य शुरू कर बुनियादी शिक्षा की एक साहसी कोशिश की थी।’’
पहली बार कई लड़कियों को स्कूलों में दाखिला दिलाने में हुई प्रगति का जिक्र करते हुए मलाला ने कहा कि शिक्षा में उन्हें बनाए रखने में और बुनियादी साक्षरता तथा गणित कौशल से आगे एक भविष्य देने में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने लिखा कि हमने माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों को दाखिला दिलाने में थोड़ी सी प्रगति की है जहां छह करोड़ से अधिक किशोरियां स्कूलों से बाहर हैं।
गरीब देशों में 80 फीसदी वंचित लड़कियां निम्न माध्यमिक स्कूल की पढ़ाई पूरी करने में नाकाम रहती है। मलाला ने कहा है कि दुनिया ने कभी यह गिनने की जहमत नहीं उठाई कि 10, 11 और 12 वीं कक्षा के उच्च माध्यमिक ग्रेड की पढ़ाई कितनी लड़कियों ने की। उन्होंने लिखा है कि यदि दुनिया के नेता अपने खुद के बच्चों के लिए 12 साल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहते हैं तो वक्त आ गया है कि दुनिया के शेष बच्चे भी इसे प्राप्त करें।