यूक्रेन का शहर चेर्नोबिल तबाही का दूसरा नाम है। 1986 में यहां हुए मानव इतिहास के सबसे बड़े एटमी हादसे की यादें हाल में आए एक टीवी शो की वजह से फिर ताज़ा हो गई हैं। इस दुर्घटना की वजह से हज़ारों लोग कैंसर के शिकार हो गए। एक वक़्त बड़ी आबादी वाला इलाक़ा वीरान और भुतहे शहर में तब्दील हो गया। हादसे की वजह से चेर्नोबिल के न्यूक्लियर प्लांट के आस-पास की 2600 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर इंसानों के आने-जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी।
हाल ही में यूक्रेन की सरकार ने चेर्नोबिल के आस-पास के इलाक़े को सैलानियों के लिए खोलने का फ़ैसला किया है। इसके लिए टूरिस्ट रूट और कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। यूं तो वैज्ञानिक पुराने एटमी प्लांट के आस-पास जाने को आज भी ख़तरनाक बताते हैं। लेकिन, जिस इलाक़े में जाने की मनाही है, क़ुदरत ने उसे फिर से आबाद कर दिया है। आज उस इलाक़े में बड़ी तादाद में सुअर, भेड़िए और भालू रहते हैं। इसके अलाव घने हरे जंगल भी ख़ूब ज़ोर-शोर से पनप आए हैं। 1986 के अप्रैल में हुए हादसे के तीन साल के भीतर ही चेर्नोबिल एटमी प्लांट के आस-पास हरियाली लौट आई थी। न्यूक्लियर हादसे की वजह से इंसान और दूसरे स्तनधारी जानवर बड़ी तादाद में मारे जाते। लेकिन, यहां के पौधों ने विकिरण का वो भयंकर हमला झेल लिया।