मास्को। रूस ने कहा है कि उसे और नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) को गलतफहमियों से बचने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए और मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए सैन्य क्षेत्र में फिर बातचीत शुरू करनी चाहिए। तास न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को रूस के उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुशको के हवाले से कहा,‘‘वर्तमान में मुख्य मुद्दा यह है कि तनावों को बढ़ने से रोकने, सैन्य प्रकृति की खतरनाक घटनाओं को रोकने के साधनों को मजबूत करने और एक दूसरे के इरादों को लेकर गलतफहमियों से बचने के लिए काम करने के रास्ते खोजे जाएं।’’
ग्रुशको ने कहा कि सैन्य गतिविधियों में पारदर्शिता को बढ़ावा देना और सैन्य क्षेत्र में संपर्क स्थापित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, कॉलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रीटी ऑर्गेनाइेशन (सीएसटीओ) के सदस्य देशों ने बढ़ती सैन्य गतिविधियों से दूर रहने से संबंधित प्रस्ताव रखे हैं। ग्रुशको ने कहा, ‘‘मैंने जो भी कहा है उन सब को लागू करना सेनाओं के बीच पेशेवर बातचीत के बिना असंभव है।’’ गौरतलब है कि हाल के वर्षों में रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ गये हैं।
इस दौरान दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास करने के साथ-साथ एक दूसरे पर सशस्त्र नियंत्रण संधियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते रहे हैं। अप्रैल में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नाटो में शामिल देशों के साथ व्यक्तिगत स्तर पर संपर्कों को छोड़कर रूस और नाटो के बाची नागिरक एवं सैन्य सहयोग रूक गये हैं।