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माफिया रिश्वत के जरिये न्यायपालिका पर दबाव डाल रहे : इमरान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 14 2019 10:31AM | Updated Date: Jul 14 2019 10:31AM
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिसिलियन माफिया से पाकिस्तान के संदिग्ध  हवाला कारोबारियों की तुलना करते हुए कहा है कि वे अपने इतालवी समकक्षों की तरह रिश्वत, धमकी और ब्लैकमेल करके सरकारी संस्थानों और न्यायपालिका पर दबाव डालते हैं ताकि विदेशों में जमा उनके अरबों रुपये की अवैध कमाई की रक्षा की जा सके।

खान ने शनिवार को ट्विटर पर 1990 के दशक में डकैतों द्वारा किए गए बम विस्फोटों के संबंध में इटली के पूर्व राष्ट्रपति जियोर्जियो नेपोलिटानो की ओर से दी गई गवाही के बारे में चार साल पुराने समाचार लेख को पोस्ट करते हुए यह बातें कही। खान ने कहा,‘‘सिसिलियन माफिया’ की तरह पाकिस्तानी माफिया रिश्वत, धमकी, ब्लैकमेल और दबाव डालने की रणनीति अपना रहे हैं ताकि सरकारी संस्थानों और न्यायपालिका पर दबाव डाला जा सके और विदेशों में जमा उनके अरबों के धन की रक्षा हो सकें।’’

पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आयी है जब जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश अरशद मलिक ने एक हलफनामे में दावा किया कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज ने 50 करोड़ रुपये रिश्वत देने की पेशकश की थी। हुसैन नवाज ने दिसंबर 2018 में अल-अजीजिया / हिल मेटल इस्टैब्लिशमेंट संदर्भ में नवाज को दोषी ठहराए जाने के कारण न्यायाधीश से यह कहते हुए इस्तीफे की मांग की थी कि वह ‘नवाज को दोषी ठहराए जाने के अपराध से नहीं बच  सकते।’

गत छह जुलाई को पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने एक चौंकाने वाला आरोप लगाया था और कहा था कि न्यायाधीश मलिक ने स्वीकार किया था कि अल-अजीजिया संदर्भ में उसके पिता को दोषी ठहराने के लिए उस पर ‘दबाव’ डाला गया था और ‘ब्लैकमेल’ किया गया था। पीएमएल-एन के समर्थक नासिर बट ने न्यायाधीश के कथित बयान वाले एक वीडियो को एक प्रेस सम्मेलन के दौरान दिखाया था जिसमें न्यायाधीश के साथ बातचीत रिकॉर्ड था।

इसके ठीक अगले ही दिन न्यायाधीश ने आरोप से इंकार करते हुए कहा था कि उन पर किसी प्रकार के दबाव नहीं था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि बट उनसे पूर्व परिचित था। उल्लेखनीय है कि नेपोलिटानो ने अभियोजन  पक्ष को बताया कि हमले ‘पूरे सिस्टम को अस्थिर करने के उद्देश्य से’ जबरन  वसूली या एकमुश्त दबाव का हिस्से थे।

बम विस्फोटों के कारण कथित तौर पर  उच्च श्रेणी के इतालवी मंत्रियों ने सिसिलियन माफिया के साथ बातचीत करने के  लिए मजूबर होना पड़ा था जिसमें सोफर जेल की सजा के बदले में हिंसा को  समाप्त करने और सजायाफ्ता डकैतों के लिए जेल में बेहतर स्थिति को लेकर  चर्चा की गयी थी।

 
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