24 Apr 2024, 06:07:59 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंधों की दी चेतावनी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 10 2019 1:58AM | Updated Date: Jul 10 2019 1:58AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

वॉशिंगटन। अमेरिका ने अपने हितों की सुरक्षा का हवाला देते हुए ईरान पर और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सोमवार को कहा, स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि ईरान को अमेरिकी धैर्य और संकल्प की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। हम बेहतर की उम्मीद करते हैं, लेकिन अमेरिका और उसकी सेना खाड़ी क्षेत्र में अपने हितों और नागरिकों की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार है। पेंस ने यह बात इजरायल समर्थित ईसाई संगठन ‘क्रिश्चियन यूनाइटेड फॉर इजरायल’ के वार्षिक सम्मेलन में यह बात कही। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि ईरान की अर्थव्यवस्था पर कड़े प्रतिबंध लगातार जारी रहेंगे। 

पेंस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम संवर्द्धन की तय सीमा को पार कर लिया है। ईरान ने 3.67 प्रतिशत की तय सीमा को पार कर अपना यूरेनियम संवर्द्धन 4.5 प्रतिशत तक कर लिया है। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बहरूज कमालवंडी ने यह घोषणा की। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी ईरान को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करने की चेतावनी दी। 

अब तक का सबसे अधिक दबाव- पोम्पियो ने कहा, हमने ईरान पर इतिहास में अब तक का सबसे अधिक दबाव बनाया है और हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। बोल्टन ने कहा, हम ईरान पर तब तक दबाव बनाए रखेंगे, जब तक कि वह अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोक नहीं देता और पूरे विश्व में आतंकवाद को संचालित और समर्थन देने सहित पश्चिम एशिया में हिंसक गतिविधियों को समाप्त नहीं कर देता है। उल्लेखनीय है कि ओमान की खाड़ी में गत माह होरमुज जलडमरूमध्य के नजदीक दो तेल टैंकरों अल्टेयर और कोकुका करेजियस में विस्फोट की घटना और ईरान द्वारा अमेरिका के खुफिया ड्रोन विमान को मार गिराने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इससे पहले ईरान ने रविवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम संवर्द्धन की तय सीमा को तोड़ेगा।
 
ईरान अब भी बना रहना चाहता है परमाणु समझौते में- ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने एक बयान में कहा था कि ईरान अब भी चाहता है कि परमाणु समझौता बना रहे लेकिन यूरोपीय देश अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अपने देश के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गए हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
 
2015 में हुआ था समझौता- गौरतलब है कि उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का मानना है कि ईरान के इन कदमों से न तो उसके आर्थिक लाभ सुरक्षित होंगे और न ही उसके लोगों को इसका फायदा होगा। 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »