तेहरान। ईरान ने रविवार को 2015 में परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम उत्पादन की तय सीमा को तोड़ने की घोषणा की है। ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि ईरान अब भी चाहता है कि परमाणु समझौता बना रहा लेकिन यूरोप के देश अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहे हैं। अमेरिका 2018 में एकतरफा इस समझौते से अलग हो गया था। इसके बाद उसने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये। ईरान की इस घोषणा से समझौते का उल्लंघन होगा।
ईरान ने मई में यूरेनियम उत्पादन शुरू करने की ओर कदम बढ़ाया था जिसका उपयोग रिएक्टरों के लिए ईंधन और परमाणु हथियारों को बनाने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश ने पहले से ही अधिक मात्रा में यूरेनियम का भंडार कर लिया है। उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी तरह के परमाणु हथियार के निर्माण के बारे में दृढ़तापूर्वक इन्कार करता है।
ईरान ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी के बीच इस मसले पर फोन पर बातचीत हुई है और मैक्रों ने 2015 के समझौते को समाप्त होने के परिणामों पर गंभीर चिंता व्यक्त है। रूहानी ने कहा था कि यूरोप के देशों को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे परमाणु समझौता बचाया जा सके। समझौते के तहत ईरान ने अपने यूरेनियम का भंडार 98 फीसदी तक घटाकर 300 किलोग्राम तक करने का वादा किया था। उसने अब इस तय सीमा को तोड़ने का फैसला किया है।