त्रिपोली। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लीबिया की राजधानी त्रिपोली में अवैध प्रवासियों के केंद्र पर हुए हमले को युद्ध अपराध करार दिया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशेलेट ने कहा कि लीबिया में सरकार द्वारा चलाये जा रहे हिरासत केंद्रों में हजारों प्रवासी रखे गये हैं। इस केंद्र पर मंगलवार को हवाई हमला किया गया और लीबिया में जारी संघर्ष में शामिल हर पक्ष को यह मालूम था कि इस केंद्र में आम लोग रहते हैं। ऐसे में इस हमले को युद्ध अपराध घोषित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार है जब किसी आश्रय गृह को निशाना बनाया गया है। बैशेलेट ने बताया कि इस हमले में 44 लोग मारे गये और कम से कम 130 लोग घायल हो गये। लीबियाई सरकार इस हमले का आरोप जनरल खलीफ हफ्तार के नेतृत्व वाले सुरक्षा बलों पर लगा रही है। वहीं जनरल हफ्तार के वफादार सुरक्षा बल सरकारी बलों को हमलों का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मृतकों में से अधिकतर उप सहारा अफ्रीका से ताल्लुक रखते थे जो लीबिया के रास्ते यूरोप जाने का प्रयास कर रहे थे। लीबिया के सरकारी हिरासत केंद्रों में हजारों नागरिक हिरासत में हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि वह हमले की रिपोर्ट से ‘नाराज’ हैं। उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की