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मन, बुद्धि एवं संस्कारों को सात्विक बनाने के लिए सत्संग जरूरी- निर्मला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 24 2019 7:15PM | Updated Date: Jun 24 2019 7:15PM
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माउंटआबू। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की निदेशिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा हैं कि मन, बुद्धि एवं संस्कारों को सात्विक बनाने के लिए सत्संग जरूरी है। निर्मला आज यहां ब्रह्माकुमारी संगठन की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगतम्बा सरस्वती के 54 वीं पुण्य स्मृति दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन स्थित ओम शान्ति भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि जीवन में दु:ख-सुख के बीज मनुष्य अपने वैचारिक धरातल पर स्वयं ही बोता है।

समस्त दु:खों का कारण केवल अज्ञान ही है। अज्ञानतावश व्यक्ति स्वयं को साध्य की प्राप्ति के लिए निरंतर अनेक साधनों की खोज में ही संपूर्ण जीवन लगा देता है। कार्यक्रम में खेल प्रभाग राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीके. शशि बहन ने कहा कि मातेश्वरी सरस्वती का जीवन श्रेष्ठ कर्म करने की प्रेरणा देते हुए सबके लिए तपस्यामूर्त अनुभव होता था। शुद्ध विचार जीवन को सार्थकता की ओर ले जाते हैं। अज्ञानतावश व्यक्ति स्वयं को साध्य की प्राप्ति के लिए निरंतर अनेक साधनों की खोज में ही संपूर्ण जीवन लगा देता है। इस अवसर पर संगठन की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी सरस्वती की पुण्यतिथि के तहत बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए राजयोगी श्रद्धालूओं ने सवेरे से ही राजयोग, मेडिटेशन, ध्यान, साधना के कार्यक्रम में भाग लिया।

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