नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला कर करारा जवाब दिया था। इतना ही नहीं, भारत ने समुद्र में भी पाकिस्तान से निपटने की बड़ी तैयारी कर ली थी। पुलवामा हमले के बाद नौसेना को अभ्यास से हटा लिया गया था और परमाणु पनडुब्बियों सहित कई सबमरीन्स को पाकिस्तानी जल सीमा के निकट तैनात कर दिया गया थानई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला कर करारा जवाब दिया था। इतना ही नहीं, भारत ने समुद्र में भी पाकिस्तान से निपटने की बड़ी तैयारी कर ली थी।
पुलवामा हमले के बाद नौसेना को अभ्यास से हटा लिया गया था और परमाणु पनडुब्बियों सहित कई सबमरीन्स को पाकिस्तानी जल सीमा के निकट तैनात कर दिया गया था। भारतीय नेवी की तरफ से सबमरीन्स की तैनाती और आक्रामक तेवर के मद्देनज़र पाकिस्तान को यह लग रहा था कि भारत की तरफ से किसी भी वक्त नेवी को बदले की कार्रवाई का आदेश दिया जा सकता है। आपको बता दें कि 14 फरवरी को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला कर दिया था, जिसमें 44 जवान शहीद हो गए थे।
इसके बाद भारत लगातार पाकिस्तानी सेना पर नजर रखे हुए था, किन्तु बालाकोट में हवाई हमला करने के बाद पाकिस्तान की सबसे अडवांस मानी जाने वाली अगोस्टा क्लास सबमरीन्स- पीएनएस साद, उसके जल क्षेत्र से लापता हो गई थी। काफी समय तक पानी के भीतर रहने की क्षमता वाली इस सबमरीन के गायब होने के बाद भारतीय नौसेना को चिंता हुई थी। नेवी को लगा था कि शायद पाकिस्तानी सबमरीन भारत पर हमला करने के लिए नीचे से आ रही है, इसके बाद नेवी सतर्क हो गई थी।