बोस्टन। ब्रह्मांड के बारे में वैज्ञानिक लगातार रिसर्च करते रहते हैं लेकिन अभी तक स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सका है कि आखिर पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई। वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत जल से हुई और कहा जाता रहा है कि महासागर में सबसे पहले जीवन शुरू हुआ होगा। वैसे हाल की एक स्टडी में इससे अलग बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत के लिए छोटे तालाब ज्यादा अनुकूल थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि पानी में 10 सेंटी मीटर की गहराई में नाइट्रोजन आॅक्साइड की अच्छी मात्रा होती है जो जीवन की शुरूआत के लिए सही वातावरण का निर्माण करती है। मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक समंदर की गहराई में नाइट्रोजन आसानी से नहीं फिक्स होता है और इसलिए लाइफ कैटलाइजिंग मुश्किल होती है। शोधकर्ता सुकृत रंजन ने कहा, जीवन की शुरुआत के लिए नाइट्रोजन फिक्सिंग जरूरी है और यह सागर की गहराई में संभव नहीं है। पानी में नाइट्रोजन मौजूद होता है और उसके टूटने के लिए धरती के माहौल की जरूरत होती है। वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन तीन बॉन्ड से बंधी होती है और इसलिए इसके टूटने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है।
जीवन के लिए उथले जल की जरूरत
उन्होंने कहा, उस समय वायुमंडल में लाइटिंग के जरिए नाइट्रोजन फिक्स होकर महासागर में बारिश के जरिए गिरकर जीवन की शुरुआत कर सकता था लेकिन यह इसलिए नहीं संभव लगता है क्योंकि महासागर में नीचे मौजूद आयरन इस फिक्स्ड नाइट्रोजन से जीवन के कारक खत्म कर देता। जीवन के लिए सभी जरूरतें केवल उथले जल में ही पूरी हो सकती थीं। उनका कहना है कि तालाब में नाइट्रोजन ऑक्साइड का अच्छा कॉन्संट्रेशन बन सकता है। तालाब में अल्ट्रा वॉइलेट रेंज और आयरन का भी प्रभाव कम होता है इसलिए नाइट्रोजन आरएनए से मिलकर जीवन की शुरूआत करने में ज्यादा सक्षम होता है।