इस्लामाबाद। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने कहा है यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि न्याय तंत्र में सुधार सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। खोसा ने शनिवार को कहा, ‘‘देश का मुख्य न्यायाधीश होने के नाते मेरा लक्ष्य तेज गति से न्याय करना है।’’ उन्होंने न्यायिक नीति को बेहतर बनाने के लिए मौजूदा नियमों में सिफारिशों और संशोधनों को पेश नहीं करने पर चिंता जताई। इस्लामाबाद में एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा पूर्व में न्यायपालिका में कई प्रयोग किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ कई मामलों में कुछ कानूनों में सफलतापूर्वक संशोधन किए गये जबकि अन्य को बेहतर बनाने के लिए सिफारिशें की गयीं।’’ समय की पाबंदी का जिक्र करते हुए श्री खोसा ने ब्रिटेन और अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि कि इन विकसित देशों में समय सीमा का कड़ाई से पालन किया जाता है जिससे हर वर्ष उच्चतम न्यायालय में 100 मामलों का निपटारा हो जाता है।
उन्होंने न्यायपालिका को त्वरित न्याय सेवा का जिम्मेदार बताते हुए आश्वासन दिया कि देरी से बचने के लिए हरसंभव कदम उठाये जा रहे हैं। खोसा ने कहा, ‘‘माडल अदालतों का प्रस्ताव मामलों में देरी को दूर करने और तेज गति से न्याय सुनिश्चित करने के लिए है।’’ उन्होंने यह भी कहा यदि वादी अदालत के समक्ष हाजिर नहीं होता है तो वैकल्पिक प्रबंध भी किए जाने चाहिए।