कराची। पाकिस्तान के अशांत क्वेटा शहर में शुक्रवार तड़के एक सब्जी व फल बाजार में हुए बम विस्फोट में कम से कम 21 लोग मारे गए जबकि 50 अन्य घायल हो गए। मारे गए लोगों में से कई शिया हजारा समुदाय के थे। पुलिस ने कहा कि सुबह करीब साढ़े 7 बजे एक इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस धमाका हुआ। उसे बाजार में सब्जियों के बीच छिपा कर रखा गया था। प्रांत के गृह मंत्री जियाउल्लाह लैंगोव ने कहा, अब तक 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। क्वेटा के उप महानिरीक्षक अब्दुल रज्जाक चीमा ने मीडिया को बताया कि फ्रंटियर कॉर्प के एक अधिकारी समेत 20 लोगों की जान गई है। विस्फोट में हजारा समुदाय को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा, पीड़ितों में हजारा और पश्तूनों जैसे अन्य समूह के लोग शामिल हैं। खबरों के मुताबिक बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के हजारागंजी इलाके में हुए बम विस्फोट में मारे गए लोगों में से कम से कम 8 लोग हजारा समुदाय के थे। सुरक्षा बलों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
यूएन ने पाक पर प्रतिबंधों को लागू करने के लिए जारी की गाइडलाइन
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर बढ़े अंतरराष्ट्रीय दबावों का असर दिखने लगा है। देश में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए गए व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ यूएनएससी 1267 प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पाकिस्तान ने शुक्रवार को आखिरकार दिशानिर्देश जारी किए। दरअसल, अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठनों पर अंकुश लगाने को लेकर पाकिस्तान भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है। वैसे तो, पड़ोसी मुल्क ने दुनिया को दिखाने के लिए पहले भी कई कदम उठाए हैं पर भारत के साथ मौजूदा तनाव को देखते हुए उसके इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गाइडलाइन जारी करते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के निशाने पर आए लोगों और समूहों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने में यह सहयोग करेगा। विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों समेत अपने अंतरराष्ट्रीय कानूनी कर्तव्यों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को काफी ध्यान रखना होगा।
पाकिस्तान के मंत्री का दावा, आतंकी संगठनों को मिलने वाले धन पर रोक लगाई
पाकिस्तान ने दावा किया है कि आतंकी संगठनों को मिलने वाले धन और मनी लांड्रिंग पर रोक लगाने के लिए उसने प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके नतीजे भी सामने आने शुरू हो गए हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को इन कदमों की जानकारी दी जाएगी। इसलिए अब पाकिस्तान के संस्था की ब्लैक लिस्ट में जाने का कोई खतरा नहीं है। उल्लेखनीय है कि आतंकी और आपराधिक संगठनों की धन उगाही के खिलाफ कुछ न करने वाले देशों पर एफएटीएफ कार्रवाई करता है। टास्क फोर्स ने कई बार की चेतावनी के बाद जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और ब्लैक लिस्ट में डालने की चेतावनी दी थी।