सैंटियागो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दो दिवसीय चिली दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच खनन, संस्कृति और विकलांगता संबंधी क्षेत्र में करार हुए हैं। साथ ही भारत ने चिली के सशस्त्र बलों को अपने प्रमुख रक्षा संस्थानों में प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें पर्वतों पर युद्ध और शांति बहाल करने के पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत संयुक्त रूप से रक्षा उपकरण बनाने सहित रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। कोविंद ने हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करने के लिए चिली का धन्यवाद किया।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देशों ने आतंकवाद को परास्त करने और उसका खत्मा करने के लिए अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को मजबूत करने को लेकर मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही चिली ने वैध अमेरिकी वीजा धारक भारतीयों के लिए चिली में वीजा मुक्त प्रवेश देने की घोषणा की। राष्ट्रपति ने चिली के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक तथा व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान कोविंद और चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने खनन, संस्कृति और विकलांगता संबंधी तीन समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर कोविंद ने कहा कि भारत और चिली के बीच व्यापार संबंध अच्छे हैं और इस क्षेत्र में अधिक विविधता की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि चिली लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है जहां से 85 प्रतिशत से अधिक तांबे का आयात किया जाता है। उन्होंने सैंटियागो में भारत-चिली व्यापारिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के लिए चिली सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि दीर्घकालीन महत्वपूर्ण साझीदार देश है। उन्होंने कहा, ‘‘चिली लैटिन अमेरिका और प्रशांत गठबंधन के लिए भारत की खिड़की है।’’