शिकागो। बोइंग ने कहा है कि पांच महीनों से भी कम समय में दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वह एक सॉफ्टवेयर अपडेट और 737 मैक्स में एमसीएएस से संबंधित पायलट ट्रेनिंग पुनरीक्षण को अंतिम रूप दे रहा है। खबरों के अनुसार, अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेनिस मिलेनबर्ग ने रविवार को एक बयान में कहा, बोइंग पहले से घोषित किए गए एक सॉफ्टवेयर अपडेट और पायलट प्रशिक्षण पुनरीक्षण की प्रगति को अंतिम रूप दे रहा है जो गलत सेंसर का इनपुट मिलने पर एमसीएएस उड़ान नियंत्रण कानूनों का पालन करेंगे। एमसीएएस 737 मैक्स में लगा एक स्वचालित सुरक्षा फीचर है जो विमान को अचानक रुकने या उड़ान पर से नियंत्रण हटने से रोकता है। अमेरिकी संघीय डाटाबेस के अनुसार, मैक्स 8 जेट उड़ाने के दौरान कुछ पायलटों ने इसके अचानक ही सीधे नीचे की ओर जाने की शिकायत की है।
बैलेंस करने के लिए होता है अटैक सेंसर
अटैक सेंसर से निर्देश के बाद प्लेन के कंप्यूटर खुद से स्टेब्लाइजर को ऊपर करते हैं। यानी पीछे की ओर से वजन बैलेंस किया जाता है। फिर प्लेन का आगे से उठा हिस्सा ठीक हो जाता है। प्लेन सीधा उड़ने लगता है। प्लेन में एंगल ऑफ अटैक सेंसर होता है, जो फ्लाइट के बदले एंगल आगे से उठना को दर्शाता है।
प्लेन की डिजाइन को माना जा रहा है प्रतिकूल
बता दें कि इथोपियन एयरलाइंस का बोइंग 737 मैक्स 8 विमान रविवार को इथोपिया के अदीस अबाबा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चार भारतीय समेत विमान में सवार सभी 157 लोगों की मौत हो गई थी। बीते करीब पांच महीने में बोइंग 737 मैक्स 8 विमान दूसरी बार हादसे का शिकार हुआ है। बोइंग 737 मैक्स के विमान की दुर्घटना से कई सवाल उठे हैं। घटना के पीछे प्लेन का डिजाइन कारण माना जा रहा है। भारी इंजन प्लेन में ऐसी जगह फिट किया गया है, जिससे उड़ान के दौरान विमान आगे की ओर से उठ जाता है। ऐसे में दुर्घटना हो सकती है। बोइंग 737 मैक्स विमानों के इंजन बड़े और भारी होते हैं। प्लेन में ये इंजन ज्यादा आगे की तरफ लगाए गए हैं। इस पोजिशन की वजह से उड़ते वक्त प्लेन आगे की ओर उठ जाता है, जोकि खतरा है।