वाशिंगटन। पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'भयावह हालात' करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह इससे संबंधित रिपोर्ट देख रहे हैं और जल्द ही इस संबंध में बयान जारी करेंगे। यहां उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने हालांकि पुलवामा हमले की निंदा की है और पाकिस्तान से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी कहा है, पर राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से इस संबंध में कोई औपचारिक बयान अब तक नहीं आया है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने भारत के प्रति पूरा समर्थन जताते हुए पाकिस्तान से इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को सजा देने के लिए कहा है। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका लगातार भारत सरकार के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा, 'हम दुख की इस घड़ी में भारत के साथ संवेदना जताते हैं और उन्हें अपना पूरा समर्थन देते हैं।' साथ ही उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, पाकिस्तान के भी संपर्क में है और उससे कहा गया है कि वह जांच में पूरा सहयोग करे और इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे।
वहीं, ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि वह इस हमले से संबंधित विभिन्न रिपोर्ट्स का आकलन कर रहे हैं और जल्द ही बयान जारी करेंगे। पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों के बीच उन्होंने कहा, 'मैंने देखा है। मुझे इस पर बहुत सारी रिपोर्ट मिली हैं। हम इस पर सही वक्त में जवाब देंगे। यह आतंकी हमला एक भयावह स्थिति थी। हमें रिपोर्ट मिल रही है। हम इस पर एक बयान जारी करेंगे।' उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि दक्षिण एशिया के दोनों पड़ोसी देश अगर साथ आ जाएं तो अच्छा होगा।
यहां उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर एक आत्मघाती हमलावर ने हमला कर दिया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया था। इसके अतिरिक्त अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने भी अलग-अलग बयान जारी कर पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद और इसके आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह अपनी धरती को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने दे।