लंदन। ब्रिटिश संसद ने ब्रिटेन तथा बेल्जियम के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने वाली प्रक्रिया ब्रेग्जिट समझौते को मंगलवार को खारिज कर दिया। इस समझौते के खिलाफ 432 सांसदों ने मतदान किया, जबकि 202 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। इससे पहले ब्रिटिश सांसदों ने ब्रेग्जिट समझौते के चार संशोधनों को भी खारिज कर दिया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि अपनी हार के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे इस्तीफा भी दे सकती हैं।
प्रस्ताव गिरने के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने संसद में कहा कि अगर विपक्ष यह जानना चाहता है कि क्या सरकार को संसद के निचली सदन यानी हाउस ऑफ कॉमन्स में विश्वास मत हासिल है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। मे ने कहा कि अगर इस तरह का प्रस्ताव संसद के पटल पर आता है, तो उस पर बुधवार को बहस करायी जा सकती है।
उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा, सबसे पहले हमें यह जानने की आवश्यकता है कि क्या इस सरकार को अभी भी सदन का विश्वास हासिल है। मेरा मानना है कि हां इस सरकार के पास सदन में बहुमत है, लेकिन आज रात के मतदान के पैमाने और महत्व को देखते हुए यह सही है कि विपक्ष के पास इसका परीक्षण करने का मौका है अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो...। मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि अगर आधिकारिक विपक्षी तालिका में आज शाम को अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं, तो सरकार उस प्रस्ताव पर बहस करने के लिए बुधवार का समय देगी।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे (ब्रेग्जिट) पर आगे बढ़ने के तरीकों पर बयान देगी और सोमवार को एक संशोधन प्रस्ताव लाएगी। बता दें कि ब्रिटेन तथा बेल्जियम ने एक साल से अधिक समय तक वार्ता करने के बाद गत नवंबर में ब्रेग्जिट का मसौदा तैयार किया था। ब्रिटेन में हालांकि इसकी काफी आलोचना हुई थी।