लाहौर। पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तानी मूल के विदेशी नागिरक जुल्फी बुखारी को प्रधानमंत्री इमरान खान का विशेष सहायक नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका बुधवार को खारिज कर दी। बुखारी की नियुक्ति के खिलाफ सितंबर में शीर्ष न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी थी। याचिका में बुखारी की दोहरी नागरिकता का उल्लेख करते हुए नियुक्ति रद्द करने का आग्रह किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार, न्यायमूति उमर अत्ता बंडियाल और न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन ने याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी बुखारी मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं और मंत्रिमंडल की बैठकों में हिस्सा लेते हैं। जियो न्यूज के अनुसार वकील ने यह भी दलील दी, बुखारी विदेशी समझौतों पर भी दस्तखत करते हैं जो मंत्रियों का काम है।
इस दलील पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, जुल्फी बुखारी कौन है और वह कहां से आये हैं, पूरी जानकारी लाई जाये, उसने अपनी वेबसाइट पर अपने को राज्यमंत्री कैसे लिखा है। इस पर बुखारी के वकील एतियाज अहसान ने न्यायालय को कहा, मेरे मुवक्किल ने राज्यमंत्री के दर्जे का दावा नहीं किया है और उनकी वजह से ब्रिटिश एयरवेज ने देश से फिर से परिचालन शुरू किया है।
न्यायमूर्ति निसार ने इस पर कहा, अच्छा होगा कि यदि इसकी बजाय पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए काम करें, बुखारी की योग्यता क्या है, बहादुर लोगों को नया पाकिस्तान में नियुक्त किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, विशेष सहायक की नियुक्ति प्रधानमंत्री का अधिकार हो सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह जो चाहे सो करें, मुझे वह समरी दिखाओ जो प्रधानमंत्री को भेजी गयी है और बुखारी को विशेष सहायक नियुक्त कैसे किया गया।
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, हम आपके अनुरोध पर बुखारी को नहीं हटा सकते लेकिन संसद के लिए सुझाव दे सकते हैं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, शीर्ष न्यायालय का सरकारी अधिकारियों को लेकर दोहरी नागिरकता पर आदेश बुखारी पर लागू होता है। न्यायाधीश अहसन ने हालांकि कहा, उच्चतम न्यायालय का आदेश उन पर लागू नहीं होता।
मुख्य न्यायाधीश ने इसमें जोड़ते हुए कहा, आपने आदेश को ध्यानपूर्वक नहीं पढ़ा है, हमने संसद के लिए सिफारिशें की हैं और प्रतिबंध नहीं लगाया है। मुख्य न्यायाधीश ने बुखारी को अयोग्य ठहराये जाने वाली याचिका को खारिज करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के रुप में काम करने की अनुमति दी। पीठ ने कहा है यदि बुखारी प्रशासनिक शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे तब हम मामले को देखेंगे।