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इंदौर। कम मांग और पर्याप्त भंडार की वजह से सोने की कीमतें धीरे-धीरे नीचे जा रही हैं। लंदन की कीमतों के मुकाबले आठ डॉलर से 15 डॉलर तक की कमी दर्ज की गई और ये जून के मध्य की कीमतों के मुकाबले एक डॉलर अधिक है। भारत पिछले साल दुनिया में सोने का शीर्ष उपभोक्ता देश था और इस साल पहली तिमाही में खरीदारी के लिहाज से दूसरे पायदान पर पहुंच चुका था, लेकिन यहां सोने की कीमतों में लगातार गिरावट से वैश्विक कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है, जो फिलहाल तीन महीने के निचले स्तर से थोड़ा ऊपर हैं। एक पखवाड़े में भारत में सोने की कीमतों में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। इससे वैश्विक बाजार में कीमतों पर भी असर पड़ा है।
आॅल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के निदेशक बछराज बामलवा का कहना है कीमतों में गिरावट के बावजूद ग्राहक कम हैं। भारत में सोने की दो-तिहाई मांग ग्रामीण क्षेत्र से आती है, जहां गहने को संपत्ति का परंपरागत भंडार माना जाता है, क्योंकि ऐसे लोगों की पहुंच औपचारिक बैंकिंग तक नहीं होती है।
हालांकि मौजूदा मानसून सीजन में किसान खेती पर खर्च कर रहे हैं, जिससे सोने-चांदी की मांग में कमी बनी हुई है। कारोबारियों का कहना है कि शादियों और त्योहारों का मौसम न होने से भी सोने की डिमांड पर असर पड़ रहा है। मांग में कमी इस महीने भी बनी रहेगी।
जून में शुरुआती बारिश अच्छी गिर जाने से देशभर में फसलों की बोवनी अच्छी हो गई है, लेकिन जून के अंतिम सप्ताह से मानसून नदारद होने से किसान चिंतित हैं, वहीं ज्वेलर्स-व्यापारी भी परेशान हैं, क्योंकि फसल अच्छी आने पर त्योहारों पर सोने और चांदी में ग्राहकी देखने को मिलेगी।
अगर फसल को क्षति हुई तो ग्राहकी पर असर पड़ सकता है। एक व्यापारी का कहना है कि इस महीने बारिश अच्छी हो जाती है तो अगस्त के बाद कारोबारी त्योहारों के लिए सोने के ज्यादा गहने रखना शुरू करेंगे। डीलरों का कहना है कि इस वक्त भी पर्याप्त से अधिक भंडार है।
साल की शुरुआत में अधिक आयात की वजह से सोने का भंडार ज्यादा है, जिससे कीमतों पर दबाव आया है। मुंबई के एक बैंक डीलर का कहना है कुछ हफ्तों में भंडार में गिरावट आएगी, क्योंकि बैंकों और अन्य लोग विदेश से कम खरीदारी कर रहे हैं। एशिया में भी सोने की खरीदारी में कमी आई है, क्योंकि इसकी कीमतों में लगातार दूसरे हफ्ते से गिरावट जारी है। इसमें और गिरावट की उम्मीद है। ये सीजन भी ऐसा होता है जब सोने-चांदी की मांग कम रहती है।
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ऐसे में उपभोक्ताओं ने सोने से दूरी बना रखी है। चीन में चल रहे उतार-चढ़ाव से भी सराफा बाजार प्रभावित हुआ है। पिछले दो महीने में सोना कैडबरी के दाम करीब 1000 रुपए प्रति ग्राम से ज्यादा टूट चुके हैं। इंदौर में 9 मई को सोना कैडबरी 27160 रुपए बिका था, जो 9 जून तक घटकर 26960 और 9 जुलाई तक 26310 रुपए प्रति दस ग्राम रह गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट को देखते हुए कीमतों में और गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।